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Husband has Live in Relationship with a Woman Without Divorcing His Spouse Can Not Called Live-In Relationship

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If Husband has Live in Relationship with a Woman Without Divorcing His Spouse Can Not Called Live-In Relationship. Live In Relationship automatticaally assumed a void agreement if the Man having relationship without divorce from the his spouse. Many judgements are relied on th said fact which are as under metioned. Reena Devi v. State of Punjab, Criminal Writ Petition No. 10805 of 2023, decided on 6-11-2023 Updated by Suresh Kumawat, Advocate 9166435211

बॉम्बे हाई कोर्ट ने 498ए की परिभाषा में पति पत्नी या सास ससुर के बीच में छोटे मोटे विवाद, तानाकसी, झगडे को क्रूरता की श्रेणी में नहीं माना है Bombai High Court Divisional Bench comprising Justice Anuja Prabhudessai and Justice N.R. Borkar held Judgement

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  हाल ही में बॉम्बे हाई कोर्ट ने दिनांक 09 नवम्बर 2023 को एक रिपोर्टेबल जजमेंट पास करते हुये आई.पी.सी. की धारा 498ए की परिभाषा में अंतर्हित क्रूरता शब्द का व्याख्यानकन समाज की परिस्थितियों व विधिसंगत न्यायोचित सिद्धान्तों के आधार पर किया है। न्यायमूर्ति अनुजा प्रभुदेसाई और न्यायमूर्ति एन आर बोरकर की खंडपीठ द्वारा याचिकाकर्ता बुजुर्ग दंपति की याचिका की सुनवाई कर बुजुर्ग दंपति के खिलाफ रजिस्टर्ड एफ. आई. आर. को रद्द किया है। याचिकाकर्ता बुजुर्ग दंपति की बहू ने मलबार हिल पुलिस स्टेशन में बुजुर्ग दंपति के खिलाफ दहेज प्रताड़ना व मारपीट इत्यादि का आरोप लगाते हुए एक एफ. आई. आर. दर्ज करवाई थी, जिसमें न्यायमूर्ति अनुजा प्रभुदेसाई और न्यायमूर्ति एन आर बोरकर की खंडपीठ द्वारा प्रकरण के भौतिक तथ्य व परिस्थितियों को मध्यनजर रखते हुए दहेज प्रताड़ना के संदर्भ में पति-पत्नी की आपस में कहासुनी व सास ससुर द्वारा तानाकसी, छोटी-मोटी नोंकझोंक को क्रूरता की श्रेणी में नहीं माना है तथा न्यायमूर्ति अनुजा प्रभुदेसाई और न्यायमूर्ति एन आर बोरकर की खंडपीठ द्वारा याचिकाकर्ता बुजुर्ग दंपति की याचिका को ...