RERA vs Real Estate

 

*क्या रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट (RERA), जिसे 2016 में होम बायर्स को बचाने के लिए लाया गया था, वाकई कारगर साबित हुआ है? और सुप्रीम कोर्ट इस संकट को सुलझाने में कितना कामयाब रहा है?*  विज्ञापनों में चमचमाते टावर, हरियाली से भरे पार्क और बच्चों के लिए प्ले एरिया देखकर लोग सपने संजो लेते हैं. बेहतर जिंदगी की चाहत में लोग जीवन भर की कमाई रियल एस्टेट कंपनी को दे देते हैं. फिर शुरू होता है इंतजार, सालों इंतजार के बाद वो न घर के मालिक बन पाते हैं न उनकी जमा पूंजी उनके पास बचती है.  लाखों होम बायर्स आज अपने सपनों के मलबे में दबे हुए हैं. कभी आसमान छूने वाली रियल एस्टेट कंपनियां जैसे आम्रपाली और अंसल उनकी उम्मीदों को कुचलकर धूल में मिल गईं. हाल ही में बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक फैसले में कहा कि अगर बिल्डर को होम बायर्स से पैसा नहीं मिला, तब भी वो रिफंड के लिए जिम्मेदार है. सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि बिल्डरों की जवाबदेही तय करना जरूरी है, ताकि होम बायर्स का भरोसा बहाल हो सके.

For More update…. @RERA ACT – Real Estate

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